"किसी ने बड़े कमाल की बात कही है कि ज़माने को मत बदलो ,बदलना है तो खुद को बदलो ,जमाना खुद बदल जायेगा। "
Hi guys मेरा नाम है Aryan और में आपके लिए लेकर आया हूँ एक छोटी सी कहानी। ये कहानी है एक खूबसूरत मोहतरमा की। उनके फ्लाइट का टाइम हो रहा था भागते दौड़ते फाइनली फ्लाइट में पहुंच गई। वो आखरी पैसेंजर थी सभी उनको घूर कर देखने लगे। लेकिन मैडम को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा। वो एयरलाइन्स वालों को ही उल्टा सीधा बोल रही थी। जाकर के अपनी सीट पैर बैठी। प्लेन ने टेकऑफ किया। जब प्लेन ने टेकऑफ किया तो उनके सांस में सांस आई।
भागते दौड़ते पहुंची थी अपने आसपास देखा तो चौक गई। ग़ुस्से में थी क्यूंकि उनके पास वाली सीट के पास एक दिव्यांग बैठा था जिनके दोनो हाथ नहीं थे। और जैसे ही इन मेडम ने देखा की इनके पास एक दिव्यांग बैठे है। दोनों हाथ नहीं है इन्होने एयर होस्टेस को आवाज लगाया और बोला की ये क्या तरीका है आपको देखा चाहिए की मेरे पास वाला पैसेंजर कौन है। मुझे ऐसी सीट मत दिया करें। प्लीज , मेरी सीट चेंज कीजिये। बहुत ज्यादा नखरे दिखा रही थी वो मेडम। आप ये कह सकते है की नाराज हो गई थी इस बात से की उनके पास कोई दिव्यांग बैठा था। वृद्धजन थे। जिनके दोनों हाथ नहीं थे।वो कुछ नहीं बोल रहे थे , चुपचाप अपनी सीट पर आँखे बंद करके बैठे हुए थे। लेकिन सुन सब रहे थे।
जो एयरहोस्टेस थी उसने कहा मेडम आप बस मुझे पांच मिनट दीजिए में कैप्टिन से बात करती हूँ तब तक आप प्लीज कॉपरेट कीजिए वो कोई न कोई सलूशन जरूर निकालेंगे। ये जो मेडम थी इनके चेहरे पर खुसी आ गई। बोली क्या बात है। चलो मेरे लिए कोई न कोई सलूशन तो जरूर निकलेगा , मै यहाँ से तो कम से काम शिफ्ट हो जाउ। जो एयर होस्टेस थी कैप्टिन के पास गई , बात की वापस आई और वापस आने के बाद में इन खूबसूरत मोहतरमा से कहा की मेडम आज हमारे कैप्टिन ने वो अभूतपूर्व फैसला लिया है। एयरलाइंस के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है की हम किसी पैसेंजर इकॉनमी क्लास से सीधे बिज़नेस क्लास में शिफ्ट करने जा रहे है।
जहा उस एयरहोस्टेस ने ऐसा कहा इन मैडम के चेहरे पर और खुसी आ गई। बोली क्या बात है थोड़ा न इन एयरलाइन्स वालों को डराना पड़ता है। तब जाकर ये लाइन पर आते है मन ही मन में काफी कुछ सोच रही थी तभी ये एयर होस्टेस आगे बढ़ी और उन दिव्यांग जन से कहा कि सर आइये हम आपको बिज़नेस क्लास में शिफ्ट करे जा रहे है ,क्यूंकि हमारे कैप्टिन ने कहा है की आपको ऐसे पैसेंजर के पास बैठने का हक़ नहीं है जिसे इंसानियत की परवाह न हो। जो इंसान होकर दूसरे इंसानो के बारे में न सोचता हो। सर ये सीट आपके लिए नहीं है आपके लिए एक अलग से सीट रिज़र्व कर दी गई है।
जहाँ इन एयरहोस्टेस ने ऐसा कहा वहाँ तालियों की गड़गड़ाहट शुरू हो गई। हर कोई खुश था जो कोई भी ये बात सुन रहा था उसके चेहरे पर मुस्कान थी। लोगों ने कहा क्या बात है कैप्टिन ने क्या डिसिशन लिया है? वो जो दिव्यांग वृध्दजन थे अपनी सीट से उतरे और बिज़नेस क्लास की सीट की तरफ जा रहे थे तभी उन्होंने मुड़कर सबको कहा दोस्तों में ये सारी बातें सुन रहा था और मै सोच रहा था की मैने क्या किया आप लोगों को मालूम है की ये दोनों हाथ मैंने कारगिल युद्ध में गवाए थे। मै सोच रहा था की ऐसे लोगों के लिए जिन्हे दिव्यांग को पास बैठाने में शर्म आ रही है, ऐसे लोगो के लिए हम अपनी जान सीमा रेखा पर दांव पर लगाते है।
लेकिन अब इन एयरलाइन्स वालो ने ,इन एयरहोस्टेस मेडम ने। कैप्टिन ने ये डिसीजन लिया है की मुझे बिज़नेस क्लास में शिफ्ट किया जा रहा है तो में यही कहना चाहता हूँ की नहीं। हम सैनिको का वह रहना और आपकी रक्षा करना बहुत ज्यादा जरुरी है क्यूंकि अभी भी अच्छे दिल वाले इंसान और इंसानियत बाकी है।
छोटी सी कहानी है लेकिन बहुत बड़ा मैसेज देती है की लाइफ में इंसान की सूरत या चेहरा खूबसूरत नहीं बल्कि उसकी सीरत खूबसूरत होना चाहिए। उसका दिल खूबसूरत होना चाहिए।
तो कैसी लगी स्टोरी कमेंट में जरूर बताये।
I am supporting you brother��
ReplyDeletethank you bro
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